मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

संक्रमण से भी हो सकते हैं माथे पर दाने

कई समय से रूसी होने के कारण ये दाने हो गए थे। सौंदर्य समस्याएँ कई बार सेहत से जुड़ी होती हैं। जैसा इस युवती के मामले में हुआ। दानों के उपचार के लिए उसकी त्वचा और बालों की रूसी का उपचार साथ-साथ किया, हेयर स्टाइल बदली ताकि बाल माथे पर न आएँ। उसे रोज़ बालों को धोने की सलाह दी गई। साथ ही रूसी का उपचार भी शुरू किया गया। 

हाजमा ठीक न होने से भी इस तरह की परेशानी हो सकती है। उसे रोज़ दिन में एक कटोरी दही खाने की सलाह दी गई। तीन महीनों के बाद उसके माथे के दाने गायब हो गए। माथे के दाने कई बार साधारण न होकर किसी संक्रमण के कारण हो सकते हैं। हाजमा बिगड़ना भी एक कारण हो सकता है, इसके लिए भरपूर पानी पीना बहुत ज़रूरी है। माथे की त्वचा चेहरे की बाकी त्वचा से थोड़ी अलग होती है, वहाँ तेल ग्रंथियाँ ज़्यादा होती हैं, इसलिए दाने भी सबसे पहले उभरते हैं। 

इसी तरह अगर लिवर इंफेक्शन होने पर भी माथे पर दाने आ सकते हैं। हालाँकि ऐसा हर बार हो ही, ऐसा जरूरी नहीं। साफ-सफाई बहुत ही महत्वपूर्ण है। अपने हाथों को दिन में कई बार साबुन से धोएँ। चेहरे को सेलिसिलिक एसिड युक्त फेस वॉश से दिन में दो बार धोएँ। बालों को छोटा रखें। अगर लंबे हों तो उन्हें पीछे की ओर बाँधे। ध्यान रखें कि वे चेहरे पर न आने पाएँ। 

-अपने हाथों को चेहरे पर कम से कम लगाएँ। 
-हेड बैंड्स का प्रयोग न करें, क्योंकि वे पसीना सोखते हैं। 
-धूम्रपान कम करें। एक्टिव स्मोकर्स में ऐक्ने ज़्यादा होता है। 
-हेयर स्प्रे बहुत सावधानी से करें क्योंकि इससे रोम छिद्र बंद हो सकते हैं। बालों को बाँध कर रखें। 
-ध्यान दें कि बालों से शैंपू पूरी तरह साफ हो। बालों और माथे पर शैंपू के अंश रह जाने से कई तरह की परेशानियाँ हो सकती हैं। (अर्चना दोशी,सेहत,नई दुनिया,फरवरी द्वितीयांक 2012)

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